वॉशिंगटन । मंगल ग्रह के शोध में नासा लंबे समय से लगा हुआ है। इस बीच नासा को मंगल ग्रह पर एक ऐसी चीज मिली है, जो किसी खजाने से कम नहीं। मंगल ग्रह की एक चट्टान में यह पीला खजाना निकला है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने गलती से चट्टान को तोड़ दिया था। चट्टान टूटने के बाद रोवर को इसमें से हैरान करने वाली चीज दिखाई दी। नासा का रोवर 899 किलोग्राम का है। जब इतने भारी रोवर का पहिया एक चट्टान पर पड़ा, तब वह टूट गया। रोवर के कैमरों ने जब चटटान को देखा तब शुद्ध सल्फर के क्रिस्टल मिले।
पीले रंग के ये क्रिस्टल
चमक रहे थे। हालांकि मंगल पर सल्फेट काफी आम हैं, लेकिन यह पहली बार है कि लाल ग्रह
पर सल्फर अपने शुद्ध रूप में मिला है। वैज्ञानिकों के लिए सबसे ज्यादा दिलचस्पी इस
चट्टान का गेडिज वालिस चैनल में मिलना है। यह इलाका उन चट्टानों से भरा है, जो संदिग्ध
रूप से सल्फर से भरी हो सकती हैं। यह खोज सुझाव देती है कि कुछ स्थानों पर मौलिक सल्फर
प्रचुर मात्रा में हो सकता है। नासा वैज्ञानिक अश्विन वासवदा का कहना है, शुद्ध सल्फर
से बने पत्थरों का क्षेत्र ढूंढना रेगिस्तान में पानी खोजने जैसा है।
उन्होंने कहा, ऐसा
नहीं होना चाहिए, इसलिए अब हमें इसे समझना होगा। अजीब और अप्रत्याशित चीजों की खोज
ही ग्रहों की खोज को इतना रोमांचक बनाती है। रिपोर्ट के मुताबिक सल्फेट्स तब बनते हैं
जब सल्फर पानी में अन्य खनिजों के साथ मिश्रित होता है और फिर वाष्पित हो जाता है,
जिससे सल्फेट खनिज पीछे रह जाते हैं। ये खनिज मंगल के इतिहास, विशेष रूप से इसके पानी
वाले इतिहास और समय के साथ इसके मौसम के बारे में बहुमूल्य जानकारी दे सकते हैं।
हालांकि, शुद्ध सल्फर
को बनने के लिए बहुत खास परिस्थितियों की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति जिसके बारे में
मंगल के इस क्षेत्र में होना वैज्ञानिकों ने कभी नहीं सोचा था। मंगल पर मिले यह सल्फर
क्रिस्टल दिखाते हैं कि लाल ग्रह पर बहुत कुछ ऐसा है, जिसके बारे में हमें कोई अनुमान
नहीं है। यह समझना बेहद जरूरी है कि सभी जीवन के लिए सल्फर आवश्यक तत्व है। हालांकि
मंगल पर सल्फर होना यह नहीं बताता कि यहां जीवन था।
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