अम्बाह | जैन समाज अम्बाह के बालक बालिकाओं को धार्मिक संस्कार सिखाने के लिए इन दिनों जैन मंदिर में आयोजित पूजन संस्कार शिविर में रविवार को कुमारी राजुल जैन के मार्गदर्शन में दो सैकड़ा से अधिक बच्चे बच्चियों ने जैन तीर्थंकरों की पूजा अर्चना करने की विधि सीखी एवं धार्मिक ग्रंथो का अध्ययन भी किया ज्ञात रहे कि समाज के बच्चों को धर्म संस्कृति के संस्कारों से प्रशिक्षित करने के लिए इन दिनों बाल संस्कार शिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है।
शिविर के दौरान कुमारी राजुल जैन ने बताया कि जब बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ साथ धर्म और संस्कृति की भी शिक्षा प्राप्त होगी तो बच्चे भटकेंगे नहीं, मोबाइल के इस आधुनिक युग में आज आवश्यकता है कि हमारे बच्चे एवं युवाओं को अच्छे संस्कार धर्म और संस्कृति की शिक्षा भी अनिर्वाय रूप से प्रदान की जाए। जिससे वह भटके नही शिविर में बच्चों को भगवान का अभिषेक एवं पूजन करना सिखाया गया साथ ही इसके महत्व के बारे में भी विस्तार से बताया गया इस दौरान पाप, पुण्य,कषाय,लेश्या जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
शिविर
में बताया गया कि बच्चों का मस्तिष्क मिट्टी के कच्चे घड़े के समान होता है। इसलिए बच्चों
को सही आकार में ढालना हम सभी का कर्तव्य है दैनिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक, सामाजिक,नैतिक
संस्कारों की शिक्षा उनके उज्जवल भविष्य के लिए अति आवश्यक है इसलिए शिविर में बच्चों
को खेल-खेल में शिक्षा संस्कारों से सही आकार में ढालने का कार्य किया जा रहा हैं। जिसमें
बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित होकर धर्म की शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं इसके साथ
ही बच्चों में माता-पिता भी इस शिविर में सम्मिलित
हो रहे है वही रविवार के आयोजन में रजनी जैन श्योपुर, ऊषा महेश जैन, मनुल मितेश जैन, रानी विजय
कुमार जैन, गीता सतीश चंद्र चक्की वाले, शकुंतला देवी जैन सहित वीतराग
शाशन बहू मंडल के सदस्यों ने विशेष सहयोग किया
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