मांगलिया बनेगी मप्र की पहली जीरो वेस्ट आत्मनिर्भर पंचायत


राष्ट्रीय स्तर की संस्था फीडबैक फाउंडेशन को सौंपी जिम्मेदार

क्षिप्रा (शुभाष सोलंकी)। 

इंदौर जिले की मांगलिया ग्राम पंचायत मध्यप्रदेश की पहली 'शून्य अपशिष्ट' आत्मनिर्भर पंचायत बनने की राह पर है। जिला पंचायत ने मांगलिया, सुलाखेड़ी, ढाबली और कलोद हाला को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया है। इस क्लस्टर को 'शून्य अपशिष्ट' आत्मनिर्भर पंचायत बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्तर की संस्था फीडबैक फाउंडेशन को सौंपी गई है। यह संस्था पिछले 6 वर्षों से इंदौर नगर निगम के साथ काम कर रही है। पायलट प्रोजेक्ट वर्तमान में मांगलिया और सुलाखेड़ी पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। मांगलिया  सरपंच विजय हिरवे ने कहा कि वे अपनी पंचायत को राज्य की पहली 'शून्य अपशिष्ट' आत्मनिर्भर पंचायत बनाएंगे।

कचरा प्रबंधन

1 मार्च से निवासियों को चार प्रकार के कचरे को अलग-अलग कर गाड़ियों में देना होगा। इससे कचरे का प्रसंस्करण और उपचार संभव होगा, शहरों और गांवों की तरह कचरे के पहाड़ नहीं बनेंगे। यह पहल निवासियों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करेगी और प्रदूषण को कम करेगी।

स्वच्छता पार्क

ग्रामीण क्षेत्र का पहला स्वच्छता पार्क मांगलिया में बनाया जा रहा है। यहां प्रतिदिन 18 टन कचरे का प्रसंस्करण किया जाएगा। कचरे को संसाधन में बदला जाएगा, और स्कूल, कॉलेज और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग यहां भ्रमण कर सकेंगे।

फीडबैक फाउंडेशन की भूमिका

फीडबैक फाउंडेशन क्लस्टर की सभी चार पंचायतों को 'शून्य अपशिष्ट' आत्मनिर्भर पंचायत बनाने के लिए काम करेगा। संस्था की टीम गांव में घर-घर जाकर गीला-सूखा कचरा अलग करने और कचरे से खाद बनाने के लिए लोगों को जागरूक करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना और कचरे के प्रबंधन के लिए एक स्थायी मॉडल बनाना है। यह पहल अन्य पंचायतों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी।

पंचायत को आत्मनिर्भर बनने के लिए मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी के तहत रहवासियों को देना होगा। यूजर चार्ज जिससे पंचायत में कचरा कलेक्शन वाहन का डीजल, मेंटिनेंस, ड्राइवर, हेल्पर, स्वच्छता साथी की सैलरी शामिल होगी। रहवासियों को ऑन ग्रांटेड सर्विस मिलेगी।

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