एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन ने बचाई मरीज की जान



एंडोस्कोपिक थायराडेक्टमी नामक सर्जरी का सफल ऑपरेशन

इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. घंगोरिया एवं टीम ने जटिल एंडोस्कोपिक थायराडेक्टमी नामक सर्जरी कर मरीज की जान  बचाई। डॉ. घनघोरिया कई असाध्य लोगों के ऑपरेशन कर चुके है । पैतालीस वर्षीय ओमप्रकाश के गले में पांच महीने से थी। ओपीडी में डॉ. घनघोरिया के पास आया। निगलने में कठिनाई, सीने में दर्द, पेट में भारीपन या फूलना महसूस हो रहा था जो जांचों के बाद थायराइड नामक ग्रंथी में अधिक सूजन होना पाई गई। गर्दन में ज्यादा सूजन और बड़ा घाव हो गया है, जिससे सांस लेने और निगलने में कठिनाई हो रही थी।

डॉ. घनघोरिया ने तुरंत मरीज को वार्ड में भर्ती कर जरुरी जांचों के बाद आपरेशन किया।थाईराईड का रिमूवल करते हुए मरीज की जान बचा ली। चार घंटे चले आपरेशन में डीन घनघोरिया ने बताया कि आपरेशन अधिक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि थायरॉइड ग्रंथी के पास स्वर रज्जु चिपकी हुई थी, जिससे आवाज जाने का खतरा कई गुना बड गया था। रक्तस्राव होने का खतरा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। डा. मनिष गोयल ने बताया कि रिहेबिटेन्ट प्रक्रिया से जल्द बोलने भी लेगेगा, साथ ही पूरे सेन्टरल इडिया में केवल एमवाय सरकारी अस्पताल में यह होता है। 

बाहर यह बहुत महंगा आपरेशन है पर एमवाय में बहुत कम खर्चों पर आसानी से हो जाता है। डीन घनघोरिया ने कहा, मरीजों की सेवा करना ही उनका पहली प्राथमिकता है, हमें एमवाय  अस्पताल को प्रदेश का अव्वल एवं देश में सबसे बेहतरीन अस्पताल बनना है और वह ऐसे ही गरीब मरीजों की सेवा करते रहेंगे। आपरेशन में डीन घनघोरिया के साथ डॉ. नवीन गुप्ता, विशेष रिहेबिटेन्ट योगदान डा. मनिष गोयल एवं अन्य सदस्यों का योगदान रहा।

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