अम्बाह से अजय जैन
तलाश समाचार
जैन बगीची परिसर में आचार्य विनम्र सागर महाराज के पावन सानिध्य में सोमवार को श्री मज्जिनेंद्र पूजन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन प्रारंभ हुआ यह आयोजन 10 दिवस तक चलेगा जिसमें जैन समाज की युवा पीढ़ी को भगवान की पूजा करने के तरीकों से अवगत कराया जायेगा पूजन शिविर के प्रथम दिवस भगवान जिनेंद्र की पूजा का भव्य आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे,महिला और बुजुर्ग सम्मिलित हुए जैन बगीची परिसर में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जिनेश जैन द्वारा शिविर का शुभारंभ किया गया इस अवसर पर बोलते हुए जिनेश जैन ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक युग ने हमें स्मार्ट तो बना दिया है ,लेकिन इस दौर में समाज के सभी वर्गों में अशांति, अनैतिकता तनाव व भोग-आकांक्षा बढ़ने से सबका जीवन आकुलतामय हो गया है जिसके कारण प्राणीमा़त्र नैतिक पतन की ओर बढ़ता जा रहा है। हमारा जैन समाज भी इस जीवन शैली से ग्रस्त होकर नैतिक-सदाचारमय अहिंसक अपरिगृही जीवन शैली को लगातार भूलता जा रहा है।
यह स्थिति समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लिये अत्यन्त चिन्तनीय बन गई है श्री जैन ने कहा कि समाज में वर्तमान व भावी पीढ़ी को इस दुर्दशा से बचाने के लिये नित नये प्रयत्न किये जा रहे हैं आधुनिक शिक्षा और सुविधाभोगी जीवन शैली ने जहां धार्मिक-नैतिक शिक्षा के अवसरों को अति सीमित कर दिया है वहीं इस दौर से उबरने के लिये आचार्य विन्रम सागर के मार्गदर्शन में अल्पकालिक जैन-दर्शनशिक्षण शिविर, पूजन प्रशिक्षण शिविर व संस्कार शिविर जगह जगह आयोजित किये जा रहे हैं जिससे जैन समाज मे पुनः जैन धर्म व संस्कृति की स्थापना हो रही है आचार्य श्री के मार्गदर्शन में पूरे देश में निरंतर ऐसे सार्थक प्रयास चल रहे हैं श्री जैन ने कहा कि जैन धर्म से हम अपनी संस्कृति का ज्ञान, संस्कार सीखकर अशांति, अनाचार व तनाव से मुक्त हो सकते हैं तथा नैतिकता व सदाचारमय अहिंसक - अपरिग्रही जीवन शैली एवं अनेकान्त व स्याद्वाद युक्त विचार अपनाकर आत्मोन्नति के मार्ग पर प्रतिष्ठित होकर तनावमुक्त, शान्ति व सन्तोषमय जीवन सुनिश्चित कर सकते हैं, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व विकास व आनन्दमय जीवन जैन दर्शन की मंगल छाया में ही संभव है।
श्री जैन ने कहा कि पवित्र उद्देश्य से आयोजित इस पूजन शिविर में कोमल-मति के बालकों, युवाओ एवं प्रोढ़ स्त्री पुरूषों को जैन धर्म के मूलभूत सिद्धान्तों को जानने का अवसर मिलेगा पूजन शिविर के दौरान कला की प्रयोगात्मक पद्धति और मनोवैज्ञानिक शैली से पूजन विधि, आचार-विचार व जैन धर्म के मौलिक सिद्धान्तों का अभ्यास कराया जायेगा इसलिए हम आप और सभी मिलकर सच्चे रूप में जिन शासन की मंगल मय इस प्रभावना में सपरिवार इष्ठ मित्रों सहित पधारकर लाभान्वित होंवे तथा इस विशाल पूजन महोत्सव को सफल बनावें ।
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Goof
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