जनभागीदारी से ही बनेगा इंदौर ट्रैफिक में नंबर वन-महापौर

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा


बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा 

 इंदौर। ट्रैफिक शहर की सबसे बड़ी समस्या हैै। इसे हल करने की कोशिश की हमने की। हो सकता है कि हम पांच साल में ज्यादा सफल न हो पाए, लेकिन कुछ तो बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक की समस्या को सुधारने का एक ही फार्मूला है कि खुद गलती न करे और दूसरों को नियमों का उल्लंघन करने से रोके।  ट्रैफिक सुधार के लिए अब शहर में माहौल बनाने लगा है। ट्रैफिक सुधार के लिए ट्रैफिक इंजीनियरिग और जागरूकता और सुविधा जरूरी है। हमने इस दिशा में काम किया है। ट्रैफिक में इंदौर को नंबर वन बनाने के लिए जनभागीदारी आवश्यक है। यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब द्वारा इंदौर में हो रहे हादसों का जिम्मेदार कौन विषय पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। इस परिचर्चा के माध्यम से शहर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और समस्या का कैसे समाधान हो, इस पर शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों व  सामाजिक संगठनों ने मंथन किया।

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा


 महापौर श्री भार्गव ने कहा कि इस बार शहर में गड्ढों की संख्या ज्यादा रही। मै इस बात को स्वीकार करता हूं। हमने ड्रेनेज, सीवरेज, पेयजल लाइनों को भविष्य के हिसाब से डाल रहे है। इस कारण खुदाई हो रही है।इस कारण शहवासियों को परेशानी भी हो रही है। मेयर ने कहा कि इंदौर प्रेस क्लब हमेशा शहर से जुड़े मुद्दों को उठता है और समाधान के प्रयास करता है। ट्रैफिक को लेकर आयोजित चर्चा में आए सुझाव भी महत्वपूर्ण है। उन पर अमल किया जाएगा। 

 डीसीपी ट्रैफिक आनंद कलादगी ने बताया कि इंदौर में सड़क हादसों में कमी आई है। सड़क सुरक्षा पर भी ट्रैफिक पुलिस काम कर रही है। इंदौर में 33 लाख वाहनों की संख्या है। इंदौर की जनसंख्या 35 लाख है।  700 ट्रैफिक जवान शहर के ट्रैफिक को संभालते है।  चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए है। वाहन चालकों पर निगरानी के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात करना पड़ते है। जनभागीदारी को लेकर हम लगातार काम कर रहे है। इंदौर में हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हेलमेट नहीं पहनने से हो रही है। ई रिक्शा के रुट भी निर्धारित किए जा रहे है।

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा


 एडीएम रोशन राय ने कहा कि प्रशासन ने नो हेलमेट नो पेट्रोल का आदेश निकाला, जिसका काफी विरोध हुआ, जबकि हेलमेट वाहन चालक की सुरक्षा के लिए है। एक परिवार में दो तीन गाडिय़ां रखना अब आम बात हो गई है। ट्रैफिक के मामले में आत्म नियंत्रण जरुरी है। 

 विषय की प्रस्तावना रखते हुए इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि  शहर का यातायात व्यवस्थित रहे और बेकाबू होकर दौड़ रहे वाहनों की गति को नियंत्रित करने का जिम्मा है। बीते कई महीनों से हम यह देख रहे हैं कि शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, चरमरा गई है। वाहनों की गति नियंत्रण  खोती जा रही है और लगभग हर दिन एक बड़ा हादसा शहर के भीतर या बाहरी क्षेत्र में ऐसा हो जाता है जिससे निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। हम पिछले एक-दो महीने के सड़क दुर्घटना और इनमें हुई मौत के आंकड़ों उठाकर देखें तो रूह कांप जाती है। इतनी दुर्घटनाएं, इतनी मौत ऐसा तो इंदौर में पहले कभी हुआ ही नहीं था। इन दुर्घटनाओं में हर उम्र के लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले युवाओं की मौत का आंकड़ा चौकाने वाला है। कल्पना कीजिए किसी घर का मुखिया, किसी घर का बेटा, किसी का पति, किसी का पिता अपने व्यवसाय या नौकरी के सिलसिले में सुबह खुशी-खुशी घर से निकलता है और अपने कार्यस्थल पर जाते वक्त या लौटते वक्त शहर की किसी सड़क पर बेलगाम गति से दौड़ता वाहन उसकी जान ले लेता है। क्या बीतती होगी उसे परिजन पर, अंदाज है क्या इसका, जिम्मेदारों को। 



 कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण देते हुए इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दीपक कर्दम ने कहा कि सड़क दुर्घटना के यह आंकड़े काफी डराने वाले हैं। जिससे लगता है कि इंदौर हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। जो शहर के लिए गहरी चिंता का विषय है। सिर्फ 2025 में ही सड़क हादसों में इंदौर में लगभग 285 लोगों की मौत हुई है। इनमें 90 फीसदी से ज्यादा हादसे में वाहन चालक का नशे में धुत्त पाए गए जो बेहद तेज रफ्तार में वाहन चलाते हुए दुर्घटना का कारण बने। उन्होंने यातायात पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ों को बताते हुए कहा कि वर्ष 2021 में 2618 दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें 211 लोगों की मौत हुई, वर्ष 2022  में 3317 दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें 264 लोगों ने अपनी जान गंवाई। वर्ष 2023 में 3566 दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें 257 लोगों की मौत हुई है। वर्ष 2024 में 3488 दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें 290 लोगों की मौत हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2025 में जनवरी से अक्टूबर तक 2973 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 204 लोगों की मौत हुई है। इन दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या भी हजारों में है। 



 ट्रैफिक मामलों के जानकार राजकुमार जैन ने कहा कि मानवीय भूल भी हादसों की एक वजह है। रॉन्ग साइड चलना अब लोग गलत नहीं मानते है, जबकि नियम लोगों की सुरक्षा के लिए बने है।

 अधोसंरचना और यातायात विशेषज्ञ अतुल शेठ ने कहा कि लोक परिवहन व्यवस्था का शहर की आबादी के हिसाब से आंकलन कभी नहीं किया गया। किस मार्ग पर चालन बनाना है और कहा ट्रैफिक का पालन करवाना है। इसका निर्धारण ट्रैफिक विभाग को करना चाहिए।

 

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा

सेवा सुरभि के अध्यक्ष ओम नरेडा ने कहा कि ओवरटेक के नियम वाहन चालक भूल गए है। वाहन चालक रांग साइड से वाहन आगे बढ़ाते है। इस कारण हादसे होते है।

 बस ऑनर्स एसोसिएशियन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा में कहा कि नियम का सख्ती से पालन करना जरुरी है। इंदौर में दो बस स्टैंड का निर्माण किया गया, लेकिन जनप्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लिया गया। दोनों बस स्टैंड बेकार पड़े है। 

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा


 इंदौर उत्थान अभियान के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने कहा कि  जो व्यवस्था शहर में दस पंद्रह साल होना चाहिए था, वो देर से होती है। इससे भी परेशानी बढ़ती है। मास्टर प्लान सिर्फ किताबों में सिमटा है। समय पर चौड़ी सड़कें, ब्रिज बनाना चाहिए।

 अभ्यास मंडल के अशोक कोठारी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुराने शहर में ट्रैफिक सर्वाधिक अव्यवस्थित है। लोग नियमों का पालन करने के बजाय तोडऩे में अपनी शान समझते हैं। 

 हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश ईनानी ने कहा कि अफसर आंकड़ों की बाजीगरी से हादसे कम दिखाते है, लेकिन उन ब्लैक स्पॉट्स को खत्म करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं होती।  वरिष्ठ पत्रकार सुदेश तिवारी, दिनेश जोशी, नीतेश पाल, शिक्षाविद एस.एल. गर्ग और समाजसेवी अलका सैनी ने भी विचार व्यक्त किए। 

 


कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत प्रेस क्लब अध्यक्ष दीपक कर्दम, उपाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, सचिव अभिषेक चेंडके, कोषाध्यक्ष मुकेश तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य अभय तिवारी, प्रमोद दीक्षित, श्याम कामले, मनीष मक्खर, विजय भट्ट, पूनम शर्मा ने किया। परिचर्चा का संचालन महासचिव प्रदीप जोशी ने किया आभार मुकेश तिवारी ने माना। 

बिगड़ते ट्रैफिक और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर प्रेस क्लब में हुई परिचर्चा


 कार्यक्रम में अभ्यास मंडल के शिवाजी मोहिते, समाजसेवी किशोर कोडवानी, मुरली खंडेलवाल, ट्रांसपोर्ट महासंघ के संजय अरोरा, साहित्यकार दीपक सिरालकर, लक्ष्मीनारायण कसेरा, विचार प्रवाह साहित्य मंच के उपाध्यक्ष देवेन्द्रसिंह सिसौदिया, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के डॉ. अर्पण जैन, टाइम न्यूज़ से अभिषेक रघुवंशी, फ्रीप्रेस से अतुल गौतम, पूर्व पार्षद संजय कटारिया, वरिष्ठ पत्रकार जुगल माहेश्वरी, शैलेश पाठक, जितेंद्र जाखेटिया, महेश मिश्रा, राजेंद्र कोपरगांवकर, लक्ष्मीकांत पंडित, अनिल पुरोहित सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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